लाहौर के रिपोर्टर मोहसीन बिलाल, जो कभी पीछे नहीं हटते

लाहौर के रिपोर्टर मोहसीन बिलाल, जो कभी पीछे नहीं हटते

लाहौर, अली इमरान चठ्ठा 

लाहौर के मीडिया परिदृश्य में एक नाम ऐसा है जो सम्मान और भय दोनों जगाता है: मोहसीन बिलाल।Sun News Punjabi के ब्यूरो चीफ के रूप में कार्यरत बिलाल ने खुद को उस पत्रकार के रूप में स्थापित किया है जो कठिन सवाल पूछने से कभी पीछे नहीं हटता। उनके सवाल अक्सर राजनीतिक हस्तियों को परेशान कर देते हैं, लेकिन जहां अन्य पत्रकार पीछे हटते हैं, बलोच लगातार आगे बढ़ते हैं और अपने तर्क के साथ कड़े फॉलो-अप करते हैं।

एक पत्रकार का निर्माण

बिलाल ने 2006 में छात्र रहते हुए अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की। उन्होंने PTV और एक प्राइवेट प्रोडक्शन हाउस में इंटर्नशिप की। 2007 में स्नातक होने के तुरंत बाद उन्होंने वक्त टीवी में काम शुरू किया। इसके बाद News Punjabi और Abtak News के साथ उनकी पत्रकारिता यात्रा 2012 से मजबूत हुई। उन्होंने तीन बार नौकरी गंवाई, लेकिन हर चुनौती ने उनके निर्भीक पत्रकारिता के संकल्प को और मजबूत किया।

साधारण जीवन, बड़ा मकसद

बिलाल की विश्वसनीयता उनके वास्तविक अनुभवों में निहित है। वह दो बार लाहौर प्रेस क्लब के गवर्निंग बॉडी के सदस्य चुने गए और फिलहाल University of the Punjab से M.Phil. कर रहे हैं। तीन बच्चों के पिता बिलाल किराए के कमरे में रहते हैं और अपनी मोटरसाइकिल से शहर में रिपोर्टिंग करते हैं, जो उनके आत्मनिर्भर और गतिशील रिपोर्टिंग शैली का प्रतीक है।

सवालों के पीछे का दर्शन

बिलाल के लिए पत्रकारिता सिर्फ काम नहीं, बल्कि जुनून है। उनके शब्दों में, “कहानी की खोज और सत्य की पुष्टि मेरा असली जुनून है। राजनीतिक चालों को समझने पर कठोर सवाल पूछना जरूरी हो जाता है। मेरा काम पसंद किए जाने या न किए जाने का नहीं, बल्कि सवाल पूछने का है।”

दबाव का सामना

PTI सरकार के दौरान उन्हें मुख्यमंत्री सचिवालय और इमरान खान के ज़मान पार्क निवास में प्रवेश से रोका गया। सरकार के प्रवक्ता भी उनके “तेज़ सवालों” से सतर्क रहते हैं। बावजूद इसके, बलोच कभी पीछे नहीं हटते और मानते हैं कि सच्चाई के सामने चुप रहना विकल्प नहीं है।

यादगार रिपोर्टिंग की विरासत

उनकी सबसे यादगार रिपोर्टों में अदियाला जेल से इमरान खान और बुषरा बीबी के Al-Qadir Trust मामले की सुनवाई के दौरान का विश्लेषण शामिल है। अन्य रिपोर्टर्स की मौजूदगी में भी बलोच की तीक्ष्ण समझ और विवरण वायरल हो गए, जिससे उनकी पत्रकारिता की विशेष पहचान बनी।

मार्गदर्शक सिद्धांत

मोहसीन बिलाल की पत्रकारिता का मूल सिद्धांत सरल है: सत्य की खोज नौकरी की सुरक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण है। उनका व्यक्तिगत आदर्श वाक्य है:

"हम मोमबत्ती जलाने के लिए बने हैं, और इसलिए जितना संभव हो सके जलते रहना चाहिए।"


Author: Ali Imran Chattha
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Posted By: TAJEEMNOOR KAUR
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