अफ़ग़ानिस्तान ने पाकिस्तान को भरोसा दिलाया – उसकी ज़मीन पाकिस्तान के ख़िलाफ़ इस्तेमाल नहीं होगी
- इंटरनेशनल
- 21 Aug,2025

काबुल | नज़राना टाइम्स रिपोर्ट | 21 अगस्त 2025
अफ़ग़ानिस्तान ने पाकिस्तान को आश्वासन दिया है कि उसकी धरती का इस्तेमाल पाकिस्तान या किसी अन्य देश के ख़िलाफ़ किसी भी गतिविधि के लिए नहीं किया जाएगा।
यह भरोसा काबुल में पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इशाक डार और अफ़ग़ानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मौलवी अमीर ख़ान मुत्ताक़ी के बीच हुई बैठक में दिया गया। यह बैठक छठे चीन–पाकिस्तान–अफ़ग़ानिस्तान त्रिपक्षीय विदेश मंत्रिस्तरीय संवाद के अवसर पर आयोजित हुई।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के अनुसार, वार्ता में द्विपक्षीय संबंध, व्यापार, ट्रांज़िट, आतंकवाद-रोधी सहयोग और क्षेत्रीय संपर्क जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने हाल के सकारात्मक विकासों पर संतोष जताया, विशेष रूप से चार्ज़ डी’अफेयर से राजदूत स्तर तक कूटनीतिक प्रतिनिधित्व को उन्नत करने के फ़ैसले का स्वागत किया।
बैठक के दौरान दोनों विदेश मंत्रियों ने काबुल और बीजिंग में हुई पिछली बैठकों के बाद हुई प्रगति की समीक्षा की। अधिकांश सहमत फ़ैसले या तो लागू हो चुके हैं या जल्द पूरे होने वाले हैं। इन कदमों से खासतौर पर पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच व्यापारिक और ट्रांज़िट संबंधों को मज़बूती मिली है।
प्रगति की सराहना करते हुए, इशाक डार ने आतंकवाद-रोधी प्रयासों में और अधिक ठोस क़दम उठाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान में हुए आतंकी हमलों का हवाला देते हुए अफ़ग़ानिस्तान से अपील की कि वह अपनी ज़मीन से सक्रिय संगठनों — जैसे कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) मजीद ब्रिगेड — के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करे।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, अमीर ख़ान मुत्ताक़ी ने दोहराया कि अफ़ग़ानिस्तान किसी भी आतंकी संगठन को अपनी धरती का इस्तेमाल पाकिस्तान या किसी अन्य देश के ख़िलाफ़ करने की अनुमति नहीं देगा।
त्रिपक्षीय संवाद में राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग पर भी गहन चर्चा की गई। तीनों देशों ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ संयुक्त प्रयासों को मज़बूत करने और व्यापार, ट्रांज़िट, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति और नशीली दवाओं के ख़िलाफ़ लड़ाई जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
इसके अलावा, तीनों पक्षों ने चीन–पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) को अफ़ग़ानिस्तान तक विस्तार देने पर भी सहमति प्रकट की। इस क़दम को क्षेत्रीय संपर्क और आर्थिक एकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।
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