सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान को 9 मई के 8 मामलों में दी जमानत; पीएसएक्स रिकॉर्ड स्तर पर बंद

सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान को 9 मई के 8 मामलों में दी जमानत; पीएसएक्स रिकॉर्ड स्तर पर बंद

रिपोर्ट: अली इमरान चट्ठा | नज़राना टाइम्स

इस्लामाबाद / कराची, 21 अगस्त — पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 9 मई, 2023 की अशांति से जुड़े आठ मामलों में गिरफ्तारी के बाद की जमानत मंज़ूर कर ली। इस फैसले से लाहौर हाई कोर्ट के पहले के इनकार को पलट दिया गया और इमरान खान को बड़ी कानूनी राहत मिली।

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई

तीन जजों की पीठ, जिसकी अध्यक्षता चीफ जस्टिस याह्या अफ़रीदी कर रहे थे और जिसमें जस्टिस शफ़ी सिद्दीकी और जस्टिस हसन अज़हर रिज़वी शामिल थे, ने इमरान खान की अपीलें सुनीं।

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि लाहौर हाई कोर्ट के इनकार को सही ठहराने की ज़िम्मेदारी अभियोजन पक्ष पर है।

इमरान खान की तरफ़ से बैरिस्टर सलमान सफ़दर ने दलीलें पेश कीं, जबकि स्पेशल प्रॉसिक्यूटर ज़ुल्फ़िकार नक़वी ने पंजाब सरकार का पक्ष रखा।

मामले और आरोप

ये आठ मामले 9 मई की हिंसा के दौरान लाहौर में हुई घटनाओं से जुड़े हैं, जिनमें शामिल हैं:

• जिन्नाह हाउस के पास पुलिस वाहनों में आग लगाना

• लिबर्टी पर अस्करी टावर पर हमला

• मॉडल टाउन में पीएमएल-एन के दफ़्तरों की तोड़फोड़

• शेरपाओ ब्रिज़ के पास अशांति

• शादमान थाने के बाहर झड़पें

इससे पहले एंटी-टेररिज़्म कोर्ट और लाहौर हाई कोर्ट दोनों ने ही इमरान खान की जमानत अर्ज़ियां खारिज कर दी थीं। अभियोजन पक्ष का दावा था कि इमरान खान ने NAB हिरासत में होने के बावजूद हिंसा की योजना बनाई थी।

वहीं, बचाव पक्ष का कहना था कि ये मामले राजनीतिक प्रतिशोध के तहत बनाए गए हैं और इनमें कोई ठोस सबूत नहीं है।

कानूनी चुनौतियां बरकरार

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि जमानत मिलने का मतलब इमरान खान की तुरंत रिहाई नहीं है।

इमरान खान अभी भी कई अन्य हाई-प्रोफाइल मामलों का सामना कर रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:

• तोशाखाना तोहफ़े मामला

• साइफ़र विवाद

• अल-कादिर ट्रस्ट केस

अगर इन मामलों में भी राहत नहीं मिलती, तो इमरान खान जेल में ही रहेंगे।

राजनीतिक और आर्थिक असर

पीटीआई नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को “न्याय की जीत” बताया और इमरान खान की रिहाई के लिए आंदोलन तेज़ करने का ऐलान किया।

वहीं, सरकारी हलकों ने कहा कि जमानत का मतलब बरी होना नहीं है और 9 मई के दोषियों के खिलाफ़ कार्रवाई जारी रहेगी।

इस फैसले का असर पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (पीएसएक्स) पर भी पड़ा।

ख़बर सामने आते ही केएसई-100 इंडेक्स गिरकर 1,49,229 अंकों तक पहुंच गया। हालांकि, बाद में संस्थागत समर्थन और निवेशकों की खरीदारी से यह इंडेक्स उछलकर 1,50,591 अंकों पर बंद हुआ — जो रिकॉर्ड स्तर है।

आगे की प्रक्रिया

सुप्रीम कोर्ट का विस्तृत फैसला अगले कुछ दिनों में जारी होगा, जिसमें इस निर्णय के पीछे की पूरी दलील दी जाएगी।

निचली अदालतों में जमानती बॉन्ड की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी।

यह फैसला इमरान खान के लिए एक बड़ी कानूनी जीत माना जा रहा है, लेकिन उनकी असली चुनौतियां अभी भी बरकरार हैं।


Author: Ali Imran Chattha
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