भारतीय सिख तीर्थयात्रियों ने पाकिस्तान की गर्मजोशी भरी मेहमाननवाज़ी की सराहना की — गुरुद्वारा पंजा साहिब में श्रद्धा और प्रेम का अनूठा संगम

भारतीय सिख तीर्थयात्रियों ने पाकिस्तान की गर्मजोशी भरी मेहमाननवाज़ी की सराहना की — गुरुद्वारा पंजा साहिब में श्रद्धा और प्रेम का अनूठा संगम

अली इमरान छठा | 7 नवंबर 2025 | हसन अब्दाल
 

भारत से आए सैकड़ों सिख तीर्थयात्रियों ने, जो दस दिवसीय आध्यात्मिक यात्रा पर पाकिस्तान पहुंचे हैं, गुरुद्वारा पंजा साहिब (हसन अब्दाल) में भावपूर्ण धार्मिक रस्में अदा कीं। यह यात्रा Evacuee Trust Property Board (ETPB) और मंत्रालय-ए-मज़हबी मुआमलात और मज़हबी हमआहंगी के सहयोग से आयोजित की गई।
तीर्थयात्रियों ने पाकिस्तान सरकार और ETPB द्वारा की गई उत्कृष्ट व्यवस्थाओं और सच्चे आतिथ्य भाव की खुलकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान ने हमारे दिलों को छू लिया है — यहां हमें वही प्यार, शांति और अपनापन मिला है जैसा हम अपने घर में महसूस करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “पाकिस्तान द्वारा हमारे पवित्र गुरुद्वारों की जिस सम्मानपूर्वक देखभाल की जाती है, उस पर पूरी विश्व सिख बिरादरी को गर्व है।”
एक तीर्थयात्री ने भावुक होकर कहा, “हम गुरु नानक देव जी के दर पर आए हैं, लेकिन यहां मिला स्नेह और सेवा मानवता के सबसे पवित्र स्वरूप को दर्शाता है।”
इस अवसर पर ETPB के अतिरिक्त सचिव (श्राइनज़) नासिर मुश्ताक ने कहा, “पाकिस्तान सिख समुदाय के साथ अपने गहरे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को बहुत सम्मान देता है। यह परंपरा, सम्मान और मेहमाननवाज़ी हमेशा कायम रहेगी।”
गुरुद्वारा पंजा साहिब सिख धर्म का अत्यंत पवित्र तीर्थ स्थल है, जहां गुरु नानक देव जी ने सूखे के समय एक पत्थर पर हाथ रखकर जलधारा प्रकट की थी। वह पवित्र पत्थर, जिस पर गुरु जी के हाथ का निशान (पंजा) आज भी विद्यमान है, दुनिया भर के सिख श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है।
तीर्थयात्रियों का यह जत्था अब गुरुद्वारा दरबार साहिब, करतारपुर, और गुरुद्वारा रोहड़ी साहिब, एमीनाबाद होते हुए 10 नवंबर को लाहौर पहुंचेगा।


Author: Ali Imran Chattha
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