अल्पसंख्यक सप्ताह और स्वतंत्रता दिवस पर पंजाब में “अंतरधार्मिक, शांति और सद्भाव” सम्मेलन का आयोजन
- इंटरनेशनल
- 09 Aug,2025

लाहौर, 9 अगस्त 2025 , अली इमरान चट्टा— अल्पसंख्यक सप्ताह और स्वतंत्रता दिवस समारोह की श्रृंखला के तहत पंजाब सरकार ने यूनाइटेड इंटरफेथ ऑर्गनाइजेशन के साथ मिलकर लाहौर के अलहमरा हॉल में “अंतरधार्मिक, शांति और सद्भाव सम्मेलन” आयोजित किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य अंतरधार्मिक सद्भाव, राष्ट्रीय एकता और पाकिस्तानी सेना के बलिदानों को सम्मान देना था।
मुख्य अतिथि, अल्पसंख्यक मामलों के प्रांतीय मंत्री सरदार रमेश सिंह अरोड़ा ने कहा कि पाकिस्तान की अल्पसंख्यक समुदाय हर क्षेत्र में अपनी पेशेवर उत्कृष्टता साबित कर रहे हैं और कई लोग सेना में सेवा कर देश की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मरियम नवाज़ ने पहली बार प्रांतभर में अल्पसंख्यक सप्ताह मनाने का निर्णय लिया है और अल्पसंख्यकों को “अपने सिर का ताज” कहा है।
रमेश सिंह अरोड़ा ने 10 मई के ऑपरेशन बुनयान मर्सूस में मिली जीत का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे दुनिया को संदेश गया है कि पाकिस्तान न केवल मज़बूत रक्षा वाला देश है बल्कि शांति का प्रवर्तक भी है।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय गान से हुई, इसके बाद रेव. डॉ. मजीद एबेल ने कहा कि हम पाकिस्तानी सेना के साथ पूरी मज़बूती से खड़े हैं। सत्र का संचालन जावेद विलियम ने किया। मौलाना आसिम मख़दूम (चेयरमैन कुल मसालिक बोर्ड) ने कहा कि अल्पसंख्यक सप्ताह को स्वतंत्रता दिवस के साथ मनाना दुनिया को यह स्पष्ट संदेश देता है कि हम सभी पाकिस्तानी एक झंडे के नीचे एकजुट हैं।
अन्य वक्ताओं — खतीब दाता दरबार रमज़ान सियालवी और डॉ. तैमूर ख़ान — ने सेना के बलिदानों को श्रद्धांजलि दी और अंतरधार्मिक सद्भाव की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। “फेसेज़ पाकिस्तान” ने राष्ट्रीय गीत प्रस्तुत किए और “पर्चम जैसे लोग” नामक एक लघु फ़िल्म दिखाई, जिसमें प्यार, एकता और सद्भाव का सुंदर चित्रण किया गया।
पैनल चर्चा में मौलाना इसरार मदनी, डॉ. कल्याण सिंह कल्याण, रेव. सिस्टर जिनिवीव, राम लाल और पंडित राकेश चंद ने अंतरधार्मिक सद्भाव को बढ़ाने के व्यावहारिक सुझाव दिए। समापन पर मानवाधिकार सचिव फ़रीद अहमद तारड़ ने प्रतिभागियों का धन्यवाद किया और उम्मीद जताई कि इस तरह के प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।
कार्यक्रम के अंत में रमेश सिंह अरोड़ा ने अंतरधार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया। प्रमुख प्रतिभागियों में सरदार बिशन सिंह, सरदार कल्याण सिंह, अमरनाथ रंधावा, सिस्टर जिनिवीव के साथ विद्वान, अल्पसंख्यक नेता, सिविल सोसाइटी सदस्य और विभिन्न समुदायों के युवा शामिल थे।
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