अमेरिका-पाकिस्तान रिश्तों में गर्मजोशी, क्षेत्रीय संतुलन में बदलाव

अमेरिका-पाकिस्तान रिश्तों में गर्मजोशी, क्षेत्रीय संतुलन में बदलाव

पाकिस्तान की रणनीतिक दिशा बदल रही: असीम मुनीर की अमेरिका यात्राएं क्षेत्रीय संतुलन में ला रही बदलाव

लाहौर 7 अगस्त अली इमरान चठ्ठा 

पाकिस्तान ने दक्षिण एशिया में अपनी रणनीतिक स्थिति को फिर से मजबूत करना शुरू कर दिया है। सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर की दो महीनों में दूसरी अमेरिका यात्रा इस बात का संकेत है कि इस्लामाबाद और वाशिंगटन के बीच संबंध फिर से गर्म हो रहे हैं।

यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका ने भारत के निर्यात पर 50% शुल्क लगाया है। यह कदम भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने के चलते उठाया गया, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था और कूटनीतिक संबंधों को झटका लगा है।

अमेरिका के साथ बढ़ती नजदीकियां

असीम मुनीर ने जून में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्हाइट हाउस में भोज में भाग लिया और अगस्त में अमेरिका की केंद्रीय कमान (CENTCOM) के कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला की विदाई समारोह में शामिल हुए।

वार्ता के मुख्य मुद्दे:

आतंकवाद के खिलाफ सहयोग

अमेरिकी सैन्य तकनीक तक पहुंच

पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र के उपयोग की संभावना (औपचारिक पुष्टि नहीं)

यह बैठकें सैन्य स्तर पर हुईं, जो यह दर्शाती हैं कि पाकिस्तान में विदेश नीति पर सेना का वर्चस्व अभी भी जारी है।

भारत संकट में, पाकिस्तान को मौका

भारत वर्तमान में अपने निर्यात संकट से जूझ रहा है। अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण फार्मा, वस्त्र और इंजीनियरिंग उद्योगों को नुकसान हुआ है। निवेशकों में अनिश्चितता और अमेरिकी रिश्तों में तनाव ने भारत की बहुध्रुवीय नीति को सवालों के घेरे में ला दिया है।

चीन-पाकिस्तान संबंधों में भरोसा बरकरार

पाकिस्तान और चीन के बीच साझेदारी में कोई बाधा नहीं आई है। बीजिंग ने अमेरिका के साथ पाकिस्तान के बढ़ते संबंधों को संदेह की निगाह से नहीं देखा। CPEC परियोजनाएं, रक्षा सहयोग और क्षेत्रीय रणनीति पूर्ववत जारी हैं।

आर्थिक मोर्चे पर उम्मीदें

पाकिस्तान अमेरिका से सिर्फ सैन्य सहयोग ही नहीं, बल्कि आर्थिक समर्थन की भी अपेक्षा कर रहा है।

संभावनाएं:

पाकिस्तानी निर्यात पर टैरिफ छूट

IMF कर्ज़ भुगतान में राहत

अमेरिकी कंपनियों का निवेश (जैसे Tesla की संभावित EV प्लांट योजना)

हालांकि कुछ जोखिम भी हैं — अमेरिका से उन्नत तकनीक हासिल करने के लिए प्रतिबंधों में छूट मिलना अब भी कठिन है।

निष्कर्ष: नया क्षेत्रीय संतुलन बनता हुआ

भारत की अस्थिरता और अमेरिका की रणनीतिक जरूरतों ने पाकिस्तान को एक नया अवसर दिया है।

अब यह पाकिस्तान पर निर्भर करता है कि वह इस अवसर को स्थायी साझेदारी में कैसे बदलता है।


Posted By: TAJEEMNOOR KAUR