मुख्यमंत्री द्वारा होशियारपुर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों का जायज़ा

मुख्यमंत्री द्वारा होशियारपुर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों का जायज़ा

NT Punjab Flood News

संकट की घड़ी में लोगों के साथ खड़ी है पंजाब सरकार

बाढ़ से हुए नुकसान की एक-एक पाई की भरपाई करेगी पंजाब सरकार

होशियारपुर, 2 सितम्बर(ताजीमनूर कौर)

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि पंजाब अब तक की सबसे भयानक बाढ़ का सामना कर रहा है। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ डटकर खड़ी है और इस मुश्किल से बाहर निकालने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने आज होशियारपुर जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस मौके पर उन्होंने सरकारी हाई स्कूल, मियाणी के राहत कैंप में रह रहे बाढ़ पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उनकी समस्याएँ सुनीं।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से राज्य को भारी नुकसान हुआ है लेकिन राज्य सरकार प्रभावित लोगों के बचाव और राहत के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने इस चुनौतीपूर्ण समय में राहत कार्यों के लिए पहले ही व्यापक कदम उठाए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित जिलों के लोगों को इस संकट से निकालने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि निचले इलाकों से लोगों को निकालने और उन्हें तुरंत राहत देने के लिए प्रशासन को पहले ही आदेश दिए जा चुके हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सभी जिलों के विभागों को आपसी तालमेल के साथ एकजुट होकर बचाव और राहत कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि लोगों की अधिकतम मदद की जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों को हुए नुकसान की एक-एक पाई की भरपाई करेगी। उन्होंने आगे कहा कि वे इस प्राकृतिक आपदा से बनी स्थिति पर लगातार नज़र रखे हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने राड़ा पुल और अन्य जगहों का दौरा कर बाढ़ प्रभावित इलाकों की जमीनी स्थिति का जायज़ा लिया। उन्होंने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर केंद्र सरकार से राज्य के रुके हुए 60,000 करोड़ रुपये के फंड तुरंत जारी करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हाल की बाढ़ से 1000 से अधिक गाँव प्रभावित हुए हैं और लाखों लोगों का जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण 10 से अधिक जिलों में बाढ़ आई है। उन्होंने कहा कि स्थिति गंभीर हो रही है और चिंता की बात यह है कि आने वाले दिनों में हालात और भी खराब हो सकते हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि लगभग तीन लाख एकड़ कृषि भूमि, मुख्य रूप से धान के खेत, बाढ़ के पानी में डूब गए हैं, जिससे कटाई से कुछ हफ्ते पहले ही फसलें बर्बाद हो गई हैं। उन्होंने कहा कि पशुओं का भी काफी नुकसान हुआ है, जिससे डेयरी फार्मिंग और पशुपालन पर निर्भर ग्रामीण इलाक़े बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत और बचाव कार्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न विभागों के कर्मचारी दिन-रात लोगों की मदद में जुटे हुए हैं। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नदियों के साथ लगे तटबंधों की मरम्मत और हर गाँव में स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए मेडिकल टीमों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राहत कार्यों के साथ-साथ मेडिकल टीमों को पानी के सैंपल लेने, घरों और गाँवों के अंदर-बाहर छिड़काव करने, पानी की क्लोरीनेशन, बुखार का सर्वेक्षण, मलेरिया और डेंगू की समय पर पहचान के लिए कार्ड टेस्ट करने और सैनिटरी नैपकिन व मच्छरदानियाँ वितरित करने के आदेश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग को गाँवों में स्वच्छ और पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के लिए पानी के टैंकर लगाने के निर्देश दिए गए हैं, जब तक कि जलापूर्ति योजनाएँ पूरी तरह बहाल नहीं हो जातीं। इसी तरह पानी की गुणवत्ता की जाँच के लिए वॉटर टेस्टिंग टीमों को भी सभी गाँवों में भेजा जा रहा है ताकि किसी महामारी के फैलाव को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित गाँवों के लोगों को पानी के साथ-साथ सूखे राशन की किटें, चीनी, चावल, आटा, घी, दूध पाउडर भी दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ग्रस्त गाँवों से पानी निकालने के लिए पंपिंग का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को राहत कैंपों, मेडिकल कैंपों और यहाँ तक कि उनके घर-घर जाकर भी चिकित्सा सहायता दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गाँवों में मोबाइल मेडिकल यूनिट तैनात की जा रही हैं ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ दी जा सकें। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित गाँवों में डेंगू लार्वा का पता लगाने के लिए विशेष एंटी-लार्वा टीमों को भी तैनात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विशेष टीमें गाँवों में जाकर लोगों को मलेरिया, डेंगू, दस्त, टाइफाइड और त्वचा संबंधी बीमारियों से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक कर रही हैं। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि प्रभावित पशुओं के इलाज और टीकाकरण, कीड़े मारने और पशुओं के चारे की व्यवस्था के लिए बड़ी संख्या में पशु चिकित्सक टीमों को तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गाँवों में बड़े पैमाने पर सैनिटाइजेशन अभियान चलाने और पानी से होने वाली बीमारियों के फैलाव को रोकने के लिए फॉगिंग टीमों को तैनात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता और मनरेगा कर्मियों को गाँवों की सफ़ाई का काम सौंपा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नालों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जाएगा ताकि बदबू और उससे फैलने वाली बीमारियों को रोका जा सके। उन्होंने भरोसा दिलाया कि संकट की इस घड़ी में लोगों की मदद करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार ऐसी स्थिति से पूरी क्षमता के साथ निपटेगी।

इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री डॉ. रवजोत सिंह, लोकसभा सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल, विधायक ब्रम शंकर जिम्पा, जसबीर सिंह राजा गिल, करमवीर सिंह घुम्मन, डीआईजी नवीन सिंगला, डिप्टी कमिश्नर आशीका जैन, एसएसपी संदीप कुमार मलिक और अन्य मौजूद थे।


Posted By: TAJEEMNOOR KAUR